जय श्री यमुने शुभप्रभात् ईश्वर ने सृष्टि की रचना करते समय तीन विशेष रचना की... 1. अनाज में कीड़े पैदा कर दिए, वरना लोग इसका सोने और चाँदी की तरह संग्रह करते। 2. मृत्यु के बाद देह (शरीर) में दुर्गन्ध उत्पन्न कर दी, वरना कोई अपने प्यारों को कभी भी जलाता या दफ़न नहीं करता। 3. जीवन में किसी भी प्रकार के संकट या अनहोनी के साथ धैर्य और साहस दिया, वरना जीवन में निराशा और अंधकार ही रह जाता, कभी भी आशा, प्रसन्नता या जीने की इच्छा नहीं होती। जीना सरल है... प्यार करना सरल है.. हारना और जीतना भी सरल है... तो फिर कठिन क्या है? सरल होना बहुत कठिन है। Namaste Jai shree Yamune Hopefully u all r enjoying the BLOGS, Any query fell free to contact us 08218589315 Whatsup - 07417163367 Get daily updates on FACEBOOK www.facebook.com/acharyabhuvneshshukla/ Follow our BLOGGER www.acharyabhuvneshshukla.blogspot.in F Follow us on TWITTER www.twitter.com/acharyabhuvnesh/ Join us on LINKEDIN www.linkedin/in/acharya-bhuvnesh-shukla/ Stayconnected on INSTA
।।जय श्री यमुने।। सत्कर्म सूचको नूनं ज्ञानयज्ञः स्मृतो बुधैः । श्रीमद्भाभागवतलापः स तु गीत शुकादिभिः।। जब किसी व्यक्ति के करोड़ों जन्मों के पुण्य उदय होते है। तब उस व्यक्ति को ठाकुर जी की कथा श्रवण एवं मनन करने का मोका मिलता है। कथा पापों से तो तारती है साथ ही आगे पाप न करने के लिए प्रेरित भी करती है। श्री मदभागवतम् स्वयं श्री कृष्ण का श्री विग्रह है। कथा सुनने का यदि प्रारब्ध बनता है तो अर्थ है स्वयं ठाकुर जी आपकी बाँह पकड़ना चाहते है और यदि आपने कथा का श्रवण कर लिया तो इसका अर्थ है ठाकुर जी ने आपकी बाँह को पकड़ लिया है और इसके बाद यदि आपने उस कथा को हृदयांगम कर लिया तो इसका अर्थ है ठाकुर जी ने आपको अपने हृदय से लगा लिया है। भागवत कथा, मासिक परायण/ bhagwat katha Maasik parayan. Namaste Jai shree Yamune Hopefully u all r enjoying the BLOGS, Any query fell free to contact us - 08218589315 Whatsup - 07417163367 Get daily updates on FACEBOOK www.facebook.com/acharyabhuvneshshukla/ Follow our BLOGGER www.acharyab
।।जय श्री यमुने।। माया वह सागर जिसमें कूदता हर कोई है। लेकिन इस समुद्र का राजा वही है जो इसमें आसानी से जीवन पर्यन्त तैरता रहता है। जो पार जाने की या किनारे पर जाने की सोचता है वह इसी की भंवर में फस कर डूब जाता है। माया जीवन का एक अंग है जो की हमारे जीवन को जीने योग्य बनाता है। लेकिन अति नहीं होनी चाहिए नहीं तो वह भी आपको उस भँवर में फसा देगी। Namaste Jai shree Yamune Hopefully u all r enjoying the BLOGS, Any query fell free to contact us - 08218589315 Whatsup - 07417163367 Get daily updates on FACEBOOK www.facebook.com/acharyabhuvneshshukla/ Follow our BLOGGER www.acharyabhuvneshshukla.blogspot.in Follow us on TWITTER www.twitter.com/acharyabhuvnesh/ Join us on LINKEDIN www.linkedin/in/acharya-bhuvnesh-shukla/ Stay connected on INSTAGRAM www.instagram.com/acharyabhuvneshshukla/ Email us on acharyabhuvneshshukla@gmail.com acharyabhuvneshshukla@yahoo.com acharyabhuvneshshukla@ou
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