Vishwas/Belive
।।जय श्री यमुने।।शुभप्रभात्।।
।। विश्वास।।
व्यक्ति का किसी बात को देखना, समझना और उसको स्वीकार करना ही विश्वास है। इनमें से कम से कम कोई दो मान्य करनी आवश्यक है । यदि एक को ही देखकर मान्य कर लिया तो वह हानिकारक हो सकता है या तो वह टूटेगा या फिर वह अंधविश्वास का रूप ले लेगा। अंधविश्वास गलत नहीं है लेकिन उसके परिणाम गलत होते है। जिससे व्यक्ति को स्वयं और साथ ही अन्य लोगों को उसका भुगतान करना पड़ जाता है। इसलिये जीवन किसी भी वस्तु पर विश्वास करने से पहले उसे देखो, समझो और फिर स्वीकार करो या इनमें से कम से कम दो को अवश्य मान्य करो
Namaste
Jai shree Yamune
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