।।जरूरतें।।
।।जय श्री यमुने।। शुभप्रभात् ।।
जरूरते जीवन में जरुरी है। यदि व्यक्ति के जीवन में जरूरते खत्म हो जाती है तो वह व्यक्ति सिर्फ जीवन का निर्वाह ही करेगा लेकिन उस व्यक्ति के जीवन में जरूरतें बनी हुई है तो वह उस जीवन का आनंद उठा सकता है। उन जरूरतों की भी एक सीमा है यदि उन जरूरतों की सीमा पार अगर होती है तो वही जरूरतें दुखदायी बन जाती है। "अति सर्वथा वर्जते" वह अति ही हर कष्ट की जननी बन जाती है।
Namaste
Jai shree Yamune
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